सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर हासिल एचपीयू के सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति रद्द कर दी है. उन्‍होंने सहकारिता विभाग में इंस्पेक्टर के रूप में कार्य करते हुए EWS का प्रमाण पत्र बनवाया था और इसी आधार पर 9 अप्रैल 2021 को उसे सहायक प्रोफेसर (लोक प्रशासन) के पद पर नियुक्ति दी गई थी.